लेखनी कहानी -17-Oct-2022..भारतीय शादी
भारतीय शादी.... किसी त्यौहार से कम नहीं होतीं...।
आप भारत के चाहे किसी भी कोने में जाएं.... शादी की रस्मों और रिवाजों से एक अलग ही माहौल देखने को मिलता हैं..। हर जाति... हर वर्ग के लोग शादी के लिए.... उनसे जुड़ी रस्मों के लिए... ना जाने कितनी व्यवस्थाएं करता हैं...।
लोग तो अपनी जमा पूंजी की पाई पाई तक शादियों में खर्च करते हैं... ।
एक समय में यह सब पूर्वजों से चली आ रही रस्मों को निभाने के लिए होता था.... लेकिन बदलते वक्त के साथ साथ शादी.... एक आडंबर एक दिखावा मात्र रह गया ई हैं...। बहुत से ऐसे रिवाज हैं जो शादी के माहौल से पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं...। ऐसे ही कुछ रिवाजों पर गोऱ करते हैं...।
मागर माटी.... वैवाहिक कार्यक्रम में पहले इसका बहुत महत्व होता था...। मागर माटी में औरतें अपने गाँव से गाजे बाजे के साथ मिट्टी खोदकर लाती थीं....। इसी मिट्टी से फिर मड़वे के पास चुल्हा बनाती थीं...। इसी चूल्हे में विवाह से पहले रौ छोकने की रस्म निभाई जाती थीं....। इन्ही चूल्हों पर लावा परोसने की रस्म निभाने के लिए लावा भूंजने की रस्म भी निभाई जाती थीं...। अब रिश्तों को आपस में जोड़ने वाली ये परम्परा महज़ औपचारिकता बनकर रह गई हैं...।
इसके अलावा कुंए की पूजा हो समधी समधन के बीच गारी देने की रश्म...। बहुत सी रस्में बदलते दौर में कहीं खो चुकी हैं...। कुंए की कमी की वजह से लोग हैडपंप और नल की पूजा करने लगे.... वो भी महज़ औपचारिकता...। गारी देने की रस्म तो पूरी तरह से खो चुकी हैं...।
इनके अलावा दूल्हे का जूता चुराने की रस्म भी अब पहले जैसी नहीं निभाई जाती हैं...। बहुत सी ऐसी खास रस्में अब सिर्फ किस्से और कहानियों में.... अतीत के पन्नों में सिमट कर रह गई हैं...।
आजकल की शादियों में रस्मों से ज्यादा.... अच्छा डेकोरेशन,लजीज खाना और बनावटी दिखावा ज्यादा मायने रखता हैं...। पहले साधारण कपड़ों में भी शादी का लुत्फ़ उठाया जाता था पर अब साधारण जैसा कुछ नहीं होता....।
Gunjan Kamal
18-Nov-2022 09:40 AM
शानदार लेखन
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Khushbu
11-Nov-2022 04:04 PM
शानदार
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Khan
10-Nov-2022 08:30 PM
Shandar 🌸🙏
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